व्याख्या – ‘राम लखन सीता मन बसिया’– इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि भगवान् श्री राम, श्री लक्ष्मण जी एवं भगवती सीता जी के हृदय में आप बसते हैं।
व्याख्या – श्री रामचन्द्र जी ने हनुमान जी के प्रति अपनी प्रियता की तुलना भरत के प्रति अपनी प्रीति से करके हनुमान जी को विशेष रूप से महिमा–मण्डित किया है। भरत के समान राम का प्रिय कोई नहीं है, क्योंकि समस्त जगतद्वारा आराधित श्री राम स्वयं भरत का जप करते हैं
Protector and saviour of devotees of Shri Ram and himself: The doorkeeper and protector of your door to Rama's courtroom, and protector and saviour of devotees.
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Inside your fingers, glow a mace in addition to a flag of righteousness. A sacred thread adorns Your ideal shoulder.
[Maha=great;Beera=Brave; Vikram=fantastic deeds; bajra=diamond; ang=entire body areas; kumati=negative intellect; nivara=heal, thoroughly clean, destroy; sumati=fantastic intelligence; ke=of; sangi=companion ]
भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।
मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं check here सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।
व्याख्या – कोई औषधि सिद्ध करने के बाद ही रसायन बन पाती है। उसके सिद्धि की पुनः आवश्यकता नहीं पड़ती, तत्काल उपयोग में लायी जा सकती है और फलदायक सिद्ध हो सकती है। अतः रामनाम रसायन हो चुका है, इसकी सिद्धि की कोई आवश्यकता नहीं है। सेवन करने से सद्यः फल प्राप्त होगा।
asuraAsuraDemons nikandanaNikandanaSlayer / ruin rāma RāmaLord Rama dulāreDulāreDear / Beloved Indicating: You would be the guardian of saints and sages, the destroyer of demons, the darling of Ram.
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नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं?
भावार्थ – आप अपने स्वामी श्री रामचन्द्र जी की मुद्रिका [अँगूठी] को मुख में रखकर [सौ योजन विस्तृत] महासमुद्र को लाँघ गये थे। [आपकी अपार महिमा को देखते हुए] इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।